घर घर जाकर मांग रहे टेसू- झांझी
अछल्दा: विजयदशवीं दशहरा से बच्चों में टेसू-झांझी घर घर जाकर मांगना शुरू कर दिया।विजय दशमी मेला देखने पहुंचे बच्चों ने इन्हें खरीद कर पांच दिनों तक वह घरों में जाकर पैसे मांग कर रात में इनकी पूजा कर रहे और इनकी पूर्णिमा को शादी कर इन्हें विसर्जित किया जाएगा।
दशहरा से ही बच्चों में टेसू-झांझी खेलने की पुरानी परंपरा है। लड़के टेसू और लड़कियां झांझी की पूजा करती हैं। शाम ढलते ही वह इनमें दीपक जलाते हैं और गीत गाते हैं। टेसू के तमाम गीत प्रचलित हैं। इनमें मेरा टेसू यहीं खड़ा, खाने को मांगे दहीबड़ा... आदि शामिल हैं।
पहले परंपरा टेसू-झांझी लेकर आसपड़ोस में मांगने की भी थी, मगर यह अब मलिन बस्तियों में ही सिमट कर रह गई है। मध्यम और उच्च वर्गीय परिवारों के बच्चे परंपरा का अपने घरों में निर्वहन करते हैं, बाहर नहीं निकलते। यही परंपरा शनिवार से पाँच दिन तक चलेगी।
कस्बा नेविलगंज में बच्चों ने टेशू का नाम राजन कुमार और झांझी का राज कुमारी रखकर घर घर मांगी गई।मोहित यादव,हैप्पी यादव, बउआ यादव,विशाल,
संदीप,गौरव देवेश यादव आदि अंजली,प्रिया,शिला,कुमकुम,रानी आदि शामिल रही।
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